नई दिल्ली।देश के वरिष्ठ राजनेता और पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक का आज निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे मलिक ने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.
सतपाल मलिक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय क्रांति दल से की थी, लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़कर उन्होंने राज्यसभा, लोकसभा, और कई राज्यों के राज्यपाल पद तक अपनी भूमिका निभाई। वे बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद के ऐतिहासिक निर्णयों में अहम भूमिका निभाई थी.
मलिक अपने बेबाक बयानों और स्पष्टवादी राजनीति के लिए जाने जाते थे. किसानों के मुद्दों पर उन्होंने केंद्र सरकार की खुलकर आलोचना की थी, जिसके कारण वे बार-बार सुर्खियों में रहे.
उन्होंने हमेशा जनता, किसानों और युवाओं के मुद्दों को खुलकर उठाया.
हाल ही में, वे रिटायरमेंट के बाद भी किसानों के समर्थन में मुखर बने रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राहुल गांधी, योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति ने कहा – "मलिक जी का जीवन जनसेवा को समर्पित था। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है.
सतपाल मलिक का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव हिसावड़ा, जनपद बागपत (उत्तर प्रदेश) में किया जाएगा. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए सार्वजनिक रूप से रखा जाएगा.
देश ने आज एक निर्भीक, जनप्रिय और सच्चा जननायक खो दिया है.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे.