गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में पहले से ही गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे गाजियाबाद में हालात और भी बिगड़ गए हैं। शहर के कई औद्योगिक क्षेत्रों में धड़ल्ले से उठ रहा जहरीला धुआं वातावरण को और दमघोंटू बना रहा है। स्थानीय नागरिकों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कर प्रशासन और यूपीपीसीबी को अनियंत्रित औद्योगिक उत्सर्जन की ओर ध्यान देने की अपील की है
शहर का एक्यूआई लगातार 400 के पार बना हुआ है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी की स्थिति को दर्शाता है। प्रदूषित हवा के कारण लोगों का सांस लेना तक कठिन हो गया है। अस्पतालों में गले में खराश, खांसी और सांस फूलने की शिकायतों वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जागरूक नागरिक सचिन त्यागी द्वारा एक्स पर साझा की गई तस्वीरों में कई औद्योगिक इकाइयों को बिना किसी फिल्टरेशन सिस्टम के काला धुआं छोड़ते देखा जा सकता है। इन तस्वीरों ने प्रशासनिक सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गाजियाबाद में 403 अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योग संचालित हैं, जो वायु प्रदूषण में बड़ा योगदान देते हैं। बोर्ड समय-समय पर नोटिस जारी करने, जुर्माना लगाने और कुछ आरएमसी प्लांटों को सील करने जैसी कार्रवाई कर चुका है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत वायु प्रदूषण फैलाने पर पांच साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद उद्योगों पर नियंत्रण प्रभावी नहीं दिख रहा है।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से नियमित निगरानी और सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि औद्योगिक इकाइयों को पर्यावरण मानकों का पालन कराने में सख्ती लाई जा सके और नागरिकों को प्रदूषण से राहत मिल सके।