नाहल में फार्मासिस्ट का फर्जी हॉस्पिटल नेटवर्क! सरकारी दवाएं, गालियां और वीडियो सबूत सामने आए

Date: 2025-06-17
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गाजियाबाद।
थाना मसूरी क्षेत्र के ग्राम नाहल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक सरकारी फार्मासिस्ट पर अवैध तरीके से निजी अस्पताल चलाने, सरकारी दवाओं के दुरुपयोग और मरीजों से अमानवीय व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगे हैं।

फार्मासिस्ट डॉ. योगेन्द्र नाथ सचान उर्फ वाई.एन. सचान, वर्तमान में सीएमओ कार्यालय हापुड़ में कार्यरत हैं, लेकिन वह पिछले 35 वर्षों से ग्राम नाहल में "पटेल केयर एंड क्योर हॉस्पिटल" नामक निजी अस्पताल संचालित कर रहे हैं। यह अस्पताल कथित रूप से गांव के सचिवालय के सामने तीन करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया है।

हेल्प एशियन फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष यूसुफ खान ने इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधिकारियों को दी है। शिकायत में कहा गया है कि डॉ. सचान अपने इस निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीजों को सरकारी अस्पताल की दवाएं देते हैं, और उनसे भारी फीस वसूलते हैं। इससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग होने के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी उठाया जा रहा है।

मामला तब और गंभीर हो गया जब हाल ही में एक मुस्लिम महिला मरीज के साथ किए गए अभद्र व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में डॉ. सचान महिला को गालियां देते और जूते मारने की धमकी देते नजर आ रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष यूसुफ खान ने जानकारी देते हुए कहा,
"मेरे पास इस पूरे मामले से संबंधित सबूत मौजूद हैं — सरकारी दवाओं की तस्वीरें, वीडियो फुटेज, और चश्मदीदों की गवाही। यह व्यक्ति अपने राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के चलते अभी तक बचता रहा है। हमारी संस्था जल्द पूरे नेटवर्क और संरक्षणकर्ता चेहरों का भी पर्दाफाश करेगी।"

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉ. सचान ने क्षेत्र में कई अन्य संपत्तियां भी अर्जित की हैं, जिनमें नाहल क्षेत्र में एक और अस्पताल तथा डासना के सद्भावना एन्क्लेव में उनकी पत्नी के नाम पर बन रहा एक नया अस्पताल शामिल है, जिसे वे रिटायरमेंट के बाद शुरू करने की योजना में हैं।

सबसे गंभीर बात यह है कि एक फार्मासिस्ट होते हुए डॉ. सचान स्वयं को "डॉक्टर" बताते हैं, अस्पताल का बोर्ड लगाते हैं और इलाज करते हैं — जो मेडिकल काउंसिल के दिशा-निर्देशों और सरकारी सेवा नियमों का खुला उल्लंघन है।

यूसुफ खान ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए, और यदि आरोप सिद्ध हों तो डॉ. सचान को तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही की जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की प्रतिलिपि जिलाधिकारी गाजियाबाद, हापुड़, दोनों जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों और मसूरी थाना प्रभारी को भेजी जा चुकी है।

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है या यह गंभीर जनहित मामला भी केवल कागज़ों में सिमट कर रह जाएगा।

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