पाकिस्तान को अमेरिका का न्योता, भारत को नजरअंदाज? उठे सवाल, टूटा "विश्वगुरु" का भ्रम?

Date: 2025-06-12
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पाकिस्तान को अमेरिका का न्योता, भारत को नजरअंदाज? उठे सवाल, टूटा "विश्वगुरु" का भ्रम? 

नई दिल्ली।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक अहम घटनाक्रम ने भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक स्थिति को लेकर नई बहस छेड़ दी है। दरअसल, अमेरिका द्वारा अपने 250वें आर्मी एनिवर्सरी समारोह में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर को विशेष आमंत्रण भेजा गया है, जबकि भारत को इस आयोजन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।

इस घटनाक्रम के सामने आते ही भारत में राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जिसे भारत वर्षों से "आतंक की जन्मभूमि" करार देता रहा है, वही पाकिस्तान आज अमेरिका जैसे वैश्विक शक्ति के मंचों पर सम्मानित हो रहा है, जबकि खुद को "विश्वगुरु" कहने वाला भारत किनारे खड़ा दिखाई दे रहा है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "Howdy Modi" और "Namaste Trump" जैसे कार्यक्रमों को लेकर बड़े दावे किए गए थे, उन्होंने भी इस मौके पर भारत को कोई खास तवज्जो नहीं दी है। इससे भारतीय विदेश नीति की दिशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि "मोदी सरकार की विदेश नीति केवल दिखावे तक सीमित रह गई है, जबकि ज़मीनी हकीकत में भारत की वैश्विक साख गिर रही है।"

सिर्फ सैन्य क्षेत्र ही नहीं, हाल ही में पाकिस्तान को IMF से आर्थिक मदद भी मिली है, वहीं भारत की ओर से की गई तमाम वैश्विक कोशिशें अपेक्षित परिणाम नहीं ला पा रही हैं।

यह घटना कहीं न कहीं यह संकेत देती है कि केवल बड़ी-बड़ी घोषणाओं और मंचीय भाषणों से कूटनीतिक सम्मान नहीं मिलता, उसके लिए प्रभावशाली और संतुलित विदेश नीति की ज़रूरत होती है।

क्या वाकई भारत की “विश्वगुरु” छवि सिर्फ एक बुलबुला थी?
यह सवाल अब सार्वजनिक विमर्श का हिस्सा बन चुका है।

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