दिल्ली।
गुरुवार दोपहर देश की फिजाओं में मातम उस समय छा गया, जब एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (उड़ान संख्या AI-171) अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लंदन जा रहे इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। अब तक की जानकारी के अनुसार केवल एक यात्री, सीट नंबर 11-A पर बैठे भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, चमत्कारिक रूप से जीवित बचे हैं। बाक़ी सभी की दर्दनाक मौत हो चुकी है।
हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निधन की पुष्टि ने पूरे राजनीतिक गलियारों को भी स्तब्ध कर दिया। विमान जिस बहुमंजिला इमारत से टकराया, वह सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों का आवासीय परिसर था। हादसे के वक्त वहां 50-60 डॉक्टर मौजूद थे, जिनमें से 15 से अधिक घायल हुए हैं। मृतकों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान केवल DNA जांच के बाद ही संभव हो सकेगी।
इस भयावह हादसे पर वरिष्ठ समाजसेवी, भाईचारा सेवा समिति के अध्यक्ष व गाजीपुर मंडी के पूर्व अध्यक्ष हाजी मेहरबान कुरैशी ने अत्यंत गहरे दुःख और वेदना के साथ शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक विमान हादसा नहीं, बल्कि देश की आत्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है। हमने एक ही पल में कई परिवारों के सपने, उम्मीदें और अस्तित्व खो दिए।"
हाजी मेहरबान कुरैशी ने केंद्र व राज्य सरकार से अपील की कि इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और पीड़ित परिवारों को तुरंत राहत सहायता, मुआवजा और हरसंभव मदद दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि देश के हर नागरिक का यह नैतिक कर्तव्य है कि वह इस दुख की घड़ी में शोकसंतप्त परिवारों के साथ खड़ा रहे।
उन्होंने कहा कि भाईचारा सेवा समिति की ओर से वह हरसंभव मदद देने के लिए तैयार हैं, और समाज को इस तरह की विपत्तियों में एकजुटता का परिचय देना चाहिए।
हाजी कुरैशी की संवेदनशीलता और मानवीय सरोकार ने न केवल स्थानीय समाज को झकझोरा है, बल्कि पूरे प्रदेश भर में शोक की लहर को और गहरा कर दिया है।